Full Form of NPS: पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने 1 अप्रैल 2010 से एनपीएस-लाइट आरंभ की है। पीएफआरडीए ने एनपीएस-लाइट के लिए सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेन्सी (सीआरए) के तौर पर एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को नियुक्त किया है। सीआरए भारत में अपनी तरह का पहला उपक्रम है जो एनपीएस-लाइट के अंतर्गत आनेवाले सभी अभिदाताओं के लिए रिकॉर्डकीपिंग, प्रबंधन और ग्राहक सेवाकार्य करेगा।
Benefits of NPS Scheme
Full Form of NPS: एनपीएस-लाइट बुनियादी तौर पर आर्थिक रूप से वंचित एवं वित्तीय तौर पर कम मजबूत लोगों के भविष्य को सुरक्षित रखने के मकसद से तैयार किया गया है। एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने इस कार्य के लिए कम शुल्क वाली संरचना एनपीएस-लाइट प्रणाली को विकसित किया है। एनपीएस-लाइट का सेवा-कार्य प्रारूप सामूहिक सेवा पर आधारित है। इस निम्न आय समूह के लोगों को ‘एग्रीगेटर्स’ नामक संगठनों के माध्यम से प्रतिनिधित्व किया जाएगा जो अभिदाता पंजीकरण, पेंशन अंशदानों के हस्तांतरण और अभिदाता रखरखाव कार्यों को सुविधाजनक बनाएँगे। 18 से 60 आयुवर्ग के अभिदाता एग्रीगेटर्स के माध्यम से एनपीएस-लाइट में शामिल हो सकते हैं और 60 वर्ष की आयु तक अंशदान कर सकते हैं।

Full Form of NPS
केंद्र सरकार ने अपने नई भर्तीयों (सैनिक बलों को छोड़) के लिए 1 जनवरी 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) आरंभ की थी। एनपीएस भारत के सभी नागरिकों के लिए 1 मई 2009 से उपलब्ध कराई गई। एनपीएस के लिए विनियामक संस्था पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेन्सी (सीआरए) के तौर पर एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को नियुक्त किया है।
सीआरए भारत में अपनी तरह का पहला उपक्रम है जो एनपीएस के अंतर्गत आनेवाले सभी अभिदाताओं के लिए रिकॉर्डकीपिंग, प्रबंधन और ग्राहक सेवा कार्य करेगा। सीआरए प्रत्येक अभिदाता को एकस्थायी सेवा निवृत्ति खाता संख्या (प्रान जारी करेगा और प्रत्येक प्रान संबंधित लेन देनविवरण रिकॉर्ड रखने के साथ जारी किए गए सभी स्थायी सेवा निवृत्ति खातो का आँकड़ा रखेगा।
Full Form of NPS | Benefits of NPS Scheme
पीएफआरडीए द्वारा विनियमित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) भारत में दीर्घकालिक एवं सक्षम स्वैच्छिक परिभाषित अंशदान पेंशन प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं।
- वृद्धावस्था में आय प्रदान करना
- दीर्घावधि में बाजार आधारित उचित प्रतिफल
- सभी नागरिकों को वृद्धावस्था में सुरक्षा राशी प्रदान करना
एनपीएस के बारे में अधिक जानकारी पाने और अपना एनपीएस खाता खोलने के लिए, कृपया “राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में ‘ सर्व नागरिको ‘के शामिल होने के चरणों” का पालन करें।
National Pension System (Benefits of NPS Scheme)
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) एक पेंशन सह निवेश योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को वृद्धावस्था में सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है। यह योजना सुरक्षित और विनियमित बाजार आधारित रिर्टन के जरिए प्रभावशाली रूप से आपकी सेवानिवृत्ति की योजना बनाने हेतु एक आकर्षक दीर्घकालिक बचत मार्ग से प्रारंभ होती है। इस योजना का विनियमन पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा किया जाता है। पीएफआरडीए द्वारा स्थापित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास (NPS Trust) एनपीएस के अंतर्गत सभी आस्तियों का पंजीकृत मालिक है।
केंद्र सरकार (Benefits of NPS Scheme)
केंद्र सरकार ने अपने नई भर्तीयों (सैनिक बलों को छोड़) के लिए 1 जनवरी 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) आरंभ की थी। एनपीएस के लिए विनियामक संस्था पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेन्सी (सीआरए) के तौर पर एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को नियुक्त किया है। सीआरए भारत में अपनी तरह का पहला उपक्रम है जो एनपीएस के अंतर्गत आनेवाले सभी अभिदाताओं के लिए रिकॉर्डकीपिंग, प्रबंधन और ग्राहक सेवा कार्य करेगा। सीआरए प्रत्येक अभिदाता को एक स्थायी सेवा निवृत्ति खाता संख्या (प्रान) जारी करेगा और प्रत्येक प्रान संबंधित लेन-देन विवरण रिकॉर्ड रखने के साथ जारी किए गए सभी स्थायी सेवा निवृत्ति खातो का आँकड़ा रखेगा।
एनपीएस में, सरकारी कर्मचारी पेंशन के लिए अपने मासिक वेतन से नियोक्ता के साथ-साथ समतुल्य राशि का अंशदान करता है। तत्पश्चात अंशदान को पेंशन निधि प्रबंधकों के माध्यमसे निर्धारित निवेश योजनाओ में निवेश किया जाता है।
राज्य सरकार (Benefits of NPS Scheme)
केंद्र सरकार ने अपने नई भर्तीयों (सैनिक बलों को छोड़) के लिए 1 जनवरी 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) आरंभ की थी। एनपीएस के लिए विनियामक संस्था पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेन्सी (सीआरए) के तौर पर एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को नियुक्त किया है। सीआरए भारत में अपनी तरह का पहला उपक्रम है जो एनपीएस के अंतर्गत आनेवाले सभी अभिदाताओं के लिए रिकॉर्डकीपिंग, प्रबंधन और ग्राहक सेवा कार्य करेगा। सीआरए प्रत्येक अभिदाता को एक स्थायी सेवा निवृत्ति खाता संख्या (प्रान) जारी करेगा और प्रत्येक प्रान संबंधित लेन-देन विवरण रिकॉर्ड रखने के साथ जारी किए गए सभी स्थायी सेवा निवृत्ति खातो का आँकड़ा रखेगा।
एनपीएस में, सरकारी कर्मचारी पेंशन के लिए अपने मासिक वेतन से नियोक्ता के साथ-साथ समतुल्य राशि का अंशदान करता है। तत्पश्चात अंशदान को पेंशन निधि प्रबंधकों के माध्यमसे निर्धारित निवेश योजनाओ में निवेश किया जाता है।
NPS के अंतर्गत कौन-कौन से विभिन्न सेक्टर हैं?
एनपीएस को व्यापक रूप से दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है और इसके अतिरिक्त इसे निम्नलिखित विभिन्न सेक्टरों में विभक्त किया जा सकता है :
1. सरकारी सेक्टर (Benefits of NPS Scheme)
- केन्द्र सरकार
केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी, 2004 से (सशस्त्र बलों को छोड़कर) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की शुरूआत की थी। केन्द्रीय स्वायत्त निकायों के सभी कर्मचारी जिनकी नियुक्ति उपरोक्त तिथि या उसके बाद हुई हो, एनपीएस के सरकारी सेक्टर के तहत अनिवार्य रूप से कवर हैं। केन्द्र सरकार/ कैब के कर्मचारी पेंशन हेतु मासिक वेतन में से अंशदान करते हैं और नियोक्ता द्वारा समान अंशदान किया जाता है। - राज्या सरकार
केन्द्र सरकार के बाद, विभिन्न राज्य सरकारों ने इस अवसंरचना को अपनाया है और विभिन्न तिथियों से एनपीएस के कार्यान्वयन को प्रभावी किया है। यदि संबंधित राज्य सरकार/केन्द्र शासित प्रदेश ने एनपीएस अवसंरचना को अपना लिया है और इसका कार्यान्वयन आंरभ कर दिया है तो राज्य स्वायत्त निकाय (एसएबी) भी एनपीएस को अपना सकते हैं। राज्य सरकार/एसएबी कर्मचारी भी पेंशन हेतु नियोक्ता के समान अंशदान के साथ मासिक वेतन में अंशदान करते हैं।
निजी सेक्टसर (गैर-सरकारी सेक्टरर) (Benefits of NPS Scheme)
- कॉरपोरेट
एनपीएस कॉरपोरेट सेक्टर मॉडल विभिन्न संगठनोंको उनके नियोक्ता-कर्मचारी संबंधोंकी परिधिके भीतर एक संगठित संस्थाके रूपमें अपने कर्मचारियों के लिए एनपीएसको अपनाने हेतु उपयुक्त बनाने के लिए एनपीएस का एक अनुकूलित संस्करण है - ऑल सिटिजन ऑफ इंडिया
ऐसा कोईभी व्यक्तिजो उपरोक्त किसीभी सेक्टरके अंतर्गत कवर नहीं है 1 मई, 2009 से ऑल सिटिजन ऑफ इंडिया सेक्टरके अंतर्गत एनपीएस अवसंरचनामें शामिल हो सकता है।
मुझे एनपीएस खाता क्यों खुलवाना चाहिए?
अन्य उपलब्ध पेंशन प्रोडक्ट की तुलना में एनपीएस खाता खुलवाने के उसके स्वयं के लाभ हैं। निम्नलिखित विशेषताएं एनपीएस को अन्य उत्पादों से अलग बनाती हैं:
- कमलागत प्रोडक्ट
- व्यक्तियों,कर्मचारियों और नियोक्ताओं के लिए करलाभ
- बाजार आधारित आकर्षक रिर्टन
- सरलतासे संवहनीय
- अनुभवी पेंशन फंड द्वारा व्यावसायिक रूपसे प्रबंधित
- संसदके अधिनियम द्वारा स्थापित एक विनियामक पीएफआरडीए द्वारा विनियमित
एनपीएस में कौन शामिल हो सकता है?
भारत का कोई भी नागरिक (आवासीय और प्रवासी दोनों) जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष की आयु (एनपीएस आवेदन जमा कराने की तिथि के अनुसार) है, एनपीएस में शामिल हो सकता है।
क्या कोई अनिवासी भारतीय एनपीएस में शामिल हो सकता है?
जी हां, एक अनिवासी भारतीय एनपीएस खाता खोल सकता है। एनआरआई द्वारा किया गया अंशदान समय-समय पर आरबीआई और फेमा द्वारा यथानिर्धारित विनियामक अपेक्षाओं के अध्यधीन होता है। हालांकि, ओसीआई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) और पीआईओ (पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजन) कार्ड धारक और HUF एनपीएस खाता खोलने हेतु पात्र नहीं हैं।
क्या मैं बहु(मल्टीपल) एनपीएस खाते खोल सकता हूं।
नहीं, एनपीएस के अंतर्गत व्यक्ति को बहु एनपीएस खाते खोलने की अनुमति नहीं है। हालांकि, कोई व्यक्ति एक खाता एनपीएस में और दूसरा अन्य खाता अटल पेंशन योजना में खोल सकता है।
क्या मैं मेरी पत्नी/पति, बच्चे, रिश्तेदार आदि के साथ संयुक्त रूप से एनपीएस खाता खोल सकता हूं?
नहीं, एनपीएस खाता केवल व्यक्तिरूप से खोला जा सकता है और इसे HUF के लिए या उसकी ओर से संयुक्त रूप से खोला या संचालित नहीं किया जा सकता है।

एनपीएस किस प्रकार कार्य करती है?
एनपीएस के अंतर्गत सफलतापूर्वक नामांकन होने पर, अभिदाता को एक स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (प्रान) आबंटित किया जाता है। प्रान सृजित होने पर, एनएसडीएल-सीआरए (केन्द्रीय रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी) द्वारा अभिदाता के पंजीकृत ई-मेल आईडी और मोबाईल नंबर पर एक ई-मेल अलर्ट साथ ही साथ एसएमएस अलर्ट भेजा जाता है। अभिदाता सेवानिवृत्ति हेतु निधि जमा करने के लिए कामकाजी जीवन के दौरान एनपीएस में आवधिक (periodically)और नियमित अंशदान करते हैं।
Full Form of NPS | Benefits of NPS Scheme
सेवानिवृत्ति अथवा योजना से निकास होने पर, अभिदाता को इस शर्त के साथ निधि उपलब्ध कराई जाती है कि निधि का कुछ भाग को वार्षिकी में निवेश किया जाएगा ताकि योजना से निकास अथवा सेवानिवृत्ति के बाद उसे एक मासिक पेंशन प्रदान की जा सके।