Maha Shivratri 2022 Date: महाशिवरात्री Shivratri 2022 फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। Shivratri 2022 Puja Date & Time शिव पुराण के अनुसार सृष्टि का प्रारम्भ इसी दिन से हुआ है, महादेव का विशालकाय स्वरूप अग्निलिंग का उदय महाशिवरात्रि के दिन ही हुआ हैं ।
तथा आज ही के दिन भगवान शिव शंकर जी का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था साल में बारह शिवरात्रि होते है जिसमें से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। हमारे भारत देश के अलावा पूरी दुनिया में भी महाशिवरात्रि का पावन पर्व बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
Maha shivratri 2022 Date & MahaShivratri 2022 Time
Shivratri 2022 Date: इस वर्ष महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी दिनांक 01 मार्च 2022 को पड़ रहा हैं इसलिए इस वर्ष महाशिवरात्रि इसी दिनांक को मनाया जाएगा। MahaShivratri 2022 Date on Tuesday, 01 March 2022
Mahashivratri 2022 Nishita Kaal Puja Time
शिवरात्रि पूजा के लिए निशित काल सर्वश्रेष्ठ माना गया है। मान्यता है कि निशित काल ही वह समय था जब भगवान शिव लिंग स्वरूप में शिवरात्रि के दिन पृथ्वी पर दिखाई दिए। निशित काल सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त होने के कारण सभी प्रमुख शिव मंदिरों में विशेष लिंगोद्भव पूजा का अनुष्ठान इसी मुहूर्त में किया जाता है।
निशित काल को रात के 8 वें मुहूर्त के रूप में परिभाषित किया गया है और इसे जटिल गणना के बाद ही प्राप्त किया जा सकता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार ‘निशीत’ रात्रि के एक कल्पित पुत्र का नाम है, जिसका अर्थ है होता है तीक्ष्ण अर्धरात्रि। इस वर्ष रात की 11:51 से 12:40 तक रहेगा, कुल 49 मिनट के लिए निशित काल रहेगा।
Mahashivratri 2022 Nishita Kaal Puja Time- 11:51 PM to 12:40 AM, 02 Mar 2022, Total Duration of Shivratri Nishita Kaal Puja Time 00 Hours 49 Mins,

Shivaratri 2022 Parana Time
महाशिवरात्रि की व्रत पूजा विधि विधान से करने के बाद व्रत को सही मुहूर्त पर तोड़ना चाहिए इस वर्ष प्राणा अर्थात व्रत पूरा करने का समय 2 मार्च 2022 को सुबह 6:23 से है। Shivratri Prana Time– On 2nd Mar, 2022 06:23 AM,
महाशिवरात्रि के चारो प्रहर की पूजा का समय
- महाशिवरात्रि प्रथम प्रहर के पूजा का समय- 06:07 PM से 09:11 PM 01 मार्च 2022
- महाशिवरात्रि द्वितीय प्रहर के पूजा का समय- 09:11 PM से 12:15 AM 02 मार्च 2022
- महाशिवरात्रि तृतीय प्रहर के पूजा का समय- 12:15 AM से 03:19 AM 02 मार्च 2022
- महाशिवरात्रि चतुर्थ प्रहर के पूजा का समय- 03:19 AM से 06:23 AM 02 मार्च 2022
Maha Shivratri 2022 Puja Date & Time
Shivratri 2022 Date | Maha Shivaratri on Tuesday, March 1, 2022 |
Mahashivratri 2022 Nishita Kaal Puja Time | Nishita Kaal Puja Time – 11:51 PM to 12:40 AM, Mar 02 |
Maha Shivratri 2022 Nishita Kaal Puja Timing | Duration – 00 Hours 49 Mins |
Shivaratri 2022 Parana Time | On 2nd Mar, Shivaratri Parana Time – 06:23 AM, Mar 02 |
Maha Shivratri 2022 First Prahar Puja Time | Ratri First Prahar Puja Time – 06:07 PM to 09:11 PM |
Maha Shivratri 2022 Second Prahar Puja Time | Ratri Second Prahar Puja Time – 09:11 PM to 12:15 AM, Mar 02 |
Maha Shivratri 2022 Third Prahar Puja Time | Ratri Third Prahar Puja Time – 12:15 AM to 03:19 AM, Mar 02 |
Maha Shivratri 2022 Fourth Prahar Puja Time | Ratri Fourth Prahar Puja Time – 03:19 AM to 06:23 AM, Mar 02 |
महाशिवरात्रि व्रत पूजा विधि | Mahashivratri 2022 | Maha Shivratri Vrat Puja Vidhi |
Maha Shivratri Vrat Puja Vidhi:
महाशिवरात्रि की कथा | Mahashivratri 2022 | Shivratri Vrat Katha | Maha Shivratri Vrat Katha
Maha Shivratri Vrat Katha: महाशिवरात्रि की यह कथा सतयुग की है जब चंद्रदेव ने दक्ष की पुत्रियों के साथ विवाह की थी विवाह पश्चात चंद्र देव का दक्ष पुत्री रोहणी के प्रति विशेष आकर्षण था तथा शेष पुत्रियों के प्रति कोई लगाओ नहीं था जिससे रोहणी चिंतित हो गई तथा शेष पुत्रियां भी दुखी हो गई तथा अपने इस दुख का बखान करने के लिए अपने पिता दक्ष के पास चली जाती जिससे दक्ष क्रोधित होकर अपनी पुत्री रोहणी को अपने घर वापस ले आती हैं।
Shivratri Vrat Katha | Maha Shivratri 2022 Vrat Katha
जिससे उसकी सभी बहने तथा उसकी माता दुखी हो जाती हैं दक्ष क्रोधित होकर अपने पिता ब्रह्मदेव के पास चले जाते हैं तथा अपनी व्यथा का बखान करते हैं किंतु ब्रह्म देव जी के भोलेनाथ के ध्यान में रहते हैं जिससे दक्ष और क्रोधित हो जाता हैं और कहते हैं कि आपने ही सृष्टि का निर्माण किया है तो फिर आप शिव शंकर की पूजा क्यों करते हैं।
Shivratri Vrat Katha | Maha Shivratri 2022 Vrat Katha
इधर चंद्र देव जी के माता अनुसुइया तथा पिता अत्री चंद्रदेव के व्यवहार से बहुत दुखी होते हैं तथा भगवान शिव से प्रार्थना करते हैं कि सारे दुखों का समाधान हो करके। कुछ समय बीतने के बाद एक रात चंद्रदेव चुपके से रोहणी को ले जाने के लिए उसके कक्ष में चले जाते हैं जिसका प्रजापति दक्ष को पता चल जाता है ।
Shivratri Vrat Maha Shivratri 2022 Date | Shivratri 2022 Puja Date & Time
पता चलते ही दक्ष बहुत ही क्रोधित हो जाते हैं तथा चंद्रदेव को श्राप दे देते हैं की जा तू निस्तेज हो जा, क्षय रोग हो जाए तुझे, तुम्हारी सारी ऊर्जा क्षीण हो जाए, इस प्रकार से श्राप दे देते हैं। जिसके कारण चंद्रदेव रोग से ग्रसित हो जाते हैं । उसकी स्थिति का जब इंद्रलोक में पता चलता है तो हाहाकार मच जाता है चंद्रदेव के ना रहने से पृथ्वी सहित नक्षत्र लोक का विनाश हो जाएगा करके सभी देवता मिलकर ब्रह्मदेव के पास जाते हैं ।
Shivratri Vrat Katha | Maha Shivratri 2022 Vrat Katha
और इस श्राप के निवारण का उपाय पूछते हैं तब ब्रह्मा जी इस समस्या का समाधान नहीं बताते हैं और वह शिव आराधना में लीन रहते हैं इधर दक्ष के घर में दक्ष की पुत्री सहित माताएं दुखी हो जाती हैं तभी रोहिणी इस दशा में मुझे अपने पति का साथ देना चाहिए करके वह अपने पति के साथ जाने की जिद करती है इसे सुनकर दक्ष फिर से क्रोधित हो जाता है तथा रोहणी को श्राप देने की बात कहती हैं फिर भी रोहणी नहीं मानती हैं और अपने पति चंद्रदेव के पास चले जाती हैं।
Maha Shivratri 2022 Date | Shivratri 2022 Puja Date & Time
इधर चंद्र देव की माता अनुसुइया बहुत ही दुखी अवस्था में कैलाश पर्वत की ओर प्रस्थान करती है भोलेनाथ से मिलने के लिए तभी माता पार्वती से मुलाकात होती है और अपने पुत्र के साथ हुए व्यथा का बखान करती हैं जिससे माता पार्वती भी बहुत ही दुखी होती हैं और इस समस्या का समाधान माता अनुसूया को बताती है इधर सभी देवगढ़ ब्रह्म देव से बार-बार निवेदन करती हैं तब ब्रह्म देव भी देवताओं को चंद्रदेव के श्राप मुक्ति का उपाय बताते हैं और कहते हैं की चंद्रदेव के श्राप मुक्ति का उपाय महामृत्युंजय का जाप है जो मंत्र हैं “ओम नमः शिवाय महामृत्युंजय महादेवाय नमोस्तुते”
Shivratri Vrat Katha | Maha Shivratri 2022 Vrat Katha
तब सभी देवगढ़ तथा दक्ष की सभी पुत्रियां तथा माताएं महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने लगती हैं तथा चंद्रदेव तथा चंद्र देव की पत्नी रोहिणी भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने लगते हैं तथा विधि विधान के साथ महादेव की पूजा करते है जिससे महादेव प्रसन्न होकर चंद्रदेव के श्राप को कम कर देते हैं तथा कहते हैं की प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष तक अमावस्या के प्रभाव से आकाश में दिखाई नहीं दोगे तथा मेरे आशीर्वाद के प्रभाव से प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष में आप दिखाई दोगे।
Shivratri Vrat Katha | Maha Shivratri 2022 Vrat Katha
तभी भगवान चंद्र देव शंकर भगवान जी से निवेदन करते हैं कि आप आज के इस पावन तिथि में आपने मुझे रोग मुक्त कर दिया मैं चाहता हूं कि आपके समस्त भक्तों का भी आप यहीं पर ज्योतिर्लिंग रूप में रहकर अपने भक्तों का उद्धार करें इससे भगवान भोलेनाथ जी ने तथास्तु का आशीर्वाद देते हुए उस शिवलिंग में ज्योतिर्लिंग के रूप में निवास करते हैं जिससे अभी वर्तमान में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है।
Maha Shivratri Vrat KaMaha Shivratri 2022 Date | Shivratri 2022 Puja Date & Time
तब से महाशिवरात्रि के इस पावन तिथि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है इस दिन भगवान भोलेनाथ कि जो श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं तथा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं उसका कल्याण होना निश्चित होता है।