प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को दिया पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS Vikrant

31 जनवरी 1997 को नेवी से INS Vikrant को रिटायर कर दिया गया था, अब लगभग 25 साल बाद एक बार फिर से INS Vikrant का पुनर्जन्म हो रहा है।

इस पोत का नाम 'आईएनएस विक्रांत' भारतीय नौसेना के पूर्ववर्ती पोत विक्रांत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी l

विक्रांत 40 हजार टन वजन वाला विमान वाहक जहाज है, इस पोत पर आसानी से 30 विमानों का संचालन किया जा सकता है

INS विक्रांत एयरक्राफ्ट करियर समुद्र के ऊपर तैरता एक एयरफोर्स स्टेशन है जहां से फाइटर जेट्स, मिसाइलें, ड्रोन के जरिए दुश्मनों के नापाक मंसूबों को नेस्तनाबूद किया जा सकता है।

दुनिया में केवल अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के पास ही 40 हजार और इससे ज्यादा वजन वाले विमान वाहक जहाज का निर्माण करने की क्षमता है।

दुनिया में केवल अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के पास ही 40 हजार और इससे ज्यादा वजन वाले विमान वाहक जहाज का निर्माण करने की क्षमता है।

दुनिया में केवल अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के पास ही 40 हजार और इससे ज्यादा वजन वाले विमान वाहक जहाज का निर्माण करने की क्षमता है।

आईएनएस विक्रांत से 32 बराक-8 मिसाइल दागी जा सकेंगी, विक्रांत 20 मिग-29 लड़ाकू विमान और दस हेलीकॉप्टरों को ले जाने में सक्षम है।

INS विक्रांत पर 30 एयरक्राफ्ट तैनात होंगे, जिनमें 20 लड़ाकू विमान होंगे और 10 हेलीकॉप्टर होंगे.इस साल नवंबर के महीने से मिग-29के फाइटर जेट विक्रांत पर तैनात होने शुरु हो जाएंगे